भारत में योजना आयोग (Planning in India)
भारत में आज़ादी के बाद आथिक विकास के साथ-साथ सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए मिश्रित अर्थव्यवस्था सहित योजना आयोग का गठन किया गया।योजना आयोग के महत्वपूर्ण लक्ष्य एवं उदेश इस प्रकार है:-
1.
सामाजिक न्याय के साथ आर्थिक विकाश का संवर्धन ।
2.
आधुनिकरण के साथ आत्मनिर्भरता की प्राप्ति।
3.
आय वितरण की असमानता और क्षैत्रिया विसमताओ को दूर करना।
4.
निर्धनता का निवारण कर रोजगार के नये अवसर बनाना।
5.
देश में पूंजी निर्माणऔर निवेश का संवर्धन ।
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इन मूलभूत उदेशियों के साथ देश में पंचवर्षीय योजना प्रारम्भ की गई
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अभी तक 11 पंचवर्षीय योजना पूरी हो चुकी है, तथा वर्तमान में 12 पंचवर्षीय योजना प्रगति पर है।
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भारत में आरंम्भ से पंचवर्षीय योजना में वर्षो की संख्या 7 थी।
भारत
में पंचवर्षीय योजनाये
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क़.स.
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योजना
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कार्यकाल
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प्रमुख
उदेश
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विकाश
दर लक्ष्य %
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उपलब्धि
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1
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1 पंचवर्षीय योजना
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1951-1956
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कृषि
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2.1
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3.6
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2
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2 पंचवर्षीय योजना
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1956-1961
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भारी
उधोग
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4.5
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4.21
|
3
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3 पंचवर्षीय योजना
|
1961-1966
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कृषि और गेहूं के उत्पादन में सुधार
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5.6
|
2.72
|
4
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4 पंचवर्षीय योजना
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1969-1974
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हरित
क्रांति एवं 14
बैंक का
रास्ट्रीयकरण
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5.7
|
2.05
|
5
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5 पंचवर्षीय योजना
|
1974-1979
|
गरीबी उन्मूलन और आत्मनिर्भरता के
साथ आर्थिक
स्थिरता पर जोर दिया
|
4.4
|
4.83
|
6
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6 पंचवर्षीय योजना
|
1980-1985
|
आर्थिक
विकास दर ,गरीबी
निवारण और
रोजगार स्रजन
पर ज़ोर दिया
गया
|
5.2
|
5.54
|
7
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7 पंचवर्षीय योजना
|
1985-1990
|
|
5.0
|
6.02
|
8
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8 पंचवर्षीय योजना
|
1992-1997
|
निजीकरण
एवं
उदारीकरण
|
5.6
|
6.68
|
9
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9 पंचवर्षीय योजना
|
1997-2002
|
न्यायपूर्ण
वितरण और
समनता के साथ
विकास
|
6.5
|
5.5
|
10
|
10 पंचवर्षीय योजना
|
2002-2007
|
गरीबी
में कमी लाना
|
8.0
|
7.7
|
11
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11 पंचवर्षीय योजना
|
2007-2012
|
शिक्षा
,गरीबी,महिलाय
एवं बचे,पर्यावरण
की सुरक्षा
|
9.0
|
7.9
|
12
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12 पंचवर्षीय योजना
|
2012-2017
|
स्वास्थ्य,
शिक्षा,एवं
सफाई में
सुधार
|
8.0
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- दूसरी पंचवर्षीय योजना पी.सी. महालनोबिस द्वारा विकसित चतुक्षेत्रीय मॉडल पर आधारित थी।इस योजना का लक्ष्य पूंजी निवेश की दर को रास्ट्रीय से 7 % से बढ़ाकर 11 % करना था । इसी योजना के अंतर्गत तीन महत्वपूर्ण संयंत्र की स्थापना की गई –
- भिलाई इस्पात संयंत्र ( सोवियत संघ के सहयोग से )
- ओड़ीशा का राऔकेला संयंत्र ( जर्मनी के सहयोग से )
- दुर्गापुर इस्पात संयंत्र (ब्रिटन के सहयोग से )
- तीसरी पंचवर्षीय योजना पी.सी. महालनोबिस द्वारा विकसित चतुक्षेत्रीय मॉडल पर आधारित थी।
यह योजना में वार्षिक विकास दर 5.6 % रखा गया था लेकिन सिर्फ 2.72 % प्राप्त किया गया। क्योकि इसी योजना के द्वारन 1962 का भारत –चीन युद्ध एवं 1965 का भारत –पाकिस्तान हुआ,जिससे लगातार सूखा, खंद्यान कमी ,त्रीव मुद्रा स्फीती का सामना करना पड़ा।
- इस योजना के द्वारन झारखंड का बोकारो स्टील संयंत्र (सोवियत संघ के सहयोग से ) स्थापित किया गया।
नोट:- तीसरी पंचवर्षीय योजना के द्वारान उत्तपन हुये संकटो के कारण चोठी पंचवर्षीय योजना के कृयंवान में तीन साल की देरी हुई जिसे योजना अवकाश कहा जाता है